खरगोन। खरगोन के गोवर्धन नाथ मंदिर की होली बहुत प्रसिद्ध है। क्योंकि यह बृज की तर्ज पर खेला जाता है। इस होली की खास बात यह है कि यह एक या दो दिन नहीं बल्कि लगातार 40 दिनों तक खेली जाती है। इस होली के लिए खास रंग तैयार किए जाते हैं। तो आइए देखते हैं यहां होली के अद्भुत नजारे।
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में ठाकुर जी की हवेली के नाम से प्रसिद्ध गोवर्धन नाथ मंदिर है। इस मंदिर में मथुरा वृंदावन की तर्ज पर लगातार 40 दिनों तक होली खेली जाती है। पिछले कई सालों से लगातार इस परंपरा का पालन किया जा रहा है। होली के दौरान हर भक्त ठाकुर जी के साथ होली खेलने के लिए लालायित रहता है। मंदिर परिसर में हर दिन होलिका दहन के बाद बसंत पंचमी से धुलेड़ी तक होली खेली जाती है। इस दौरान यहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है। होली के दौरान हर भक्त ठाकुर जी के साथ होली खेलने को बेताब रहता है। मंदिर परिसर में हर दिन होलिका दहन के बाद बसंत पंचमी से धुलेड़ी तक होली खेली जाती है। इस दौरान यहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है।
ठाकुर जी की हवेली में खेली जाने वाली होली की खास बात यह है कि यहां अनोखे रंग तैयार किए जाते हैं। अनोखे रंग क्योंकि ये रंग फूलों से तैयार किए जाते हैं। यह प्राकृतिक रंग किसी की भी त्वचा को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है। 40 दिनों तक चलने वाली इस होली में बसंत पंचमी की शुरुआत से 35 दिनों तक अबीर गुलाल से होली खेली जाती है। इसके बाद अंतिम 5 दिनों में भीगे रंगों से होली खेली जाती है। बृज की तर्ज पर मंदिर में हर आयु वर्ग के लोग होली खेलते नजर आ रहे हैं। 40 दिनों तक चलने वाली इस होली में बसंत पंचमी की शुरुआत से 35 दिनों तक अबीर गुलाल से होली खेली जाती है। इसके बाद अंतिम 5 दिनों में भीगे रंगों से होली खेली जाती है। बृज की तर्ज पर मंदिर में हर आयु वर्ग के लोग होली खेलते नजर आ रहे हैं।
इस होली के दौरान जिस तरह से गोपियां भगवान श्री कृष्ण के लिए नृत्य करती थी। इसी तरह होली के रसिया गीतों पर यहां पहुंचने वाली भक्त महिलाएं गोपियों के रूप में नृत्य करती हैं। रसिया गीतों के गायन के दौरान आस्था और भक्ति झलकती है। मंदिर में होली के दौरान मुखिया रंग उड़ाता है। हर कोई इस रंग को अपने ऊपर लगाने को बेताब रहता है। भक्तों का मानना है कि बृज की तर्ज पर गोवर्धन नाथ मंदिर में होली खेली जाती है।
मंदिर में होली के दौरान मुखिया रंग उड़ाते हैं। हर कोई इस रंग को अपने ऊपर लगाने को बेताब रहता है। भक्तों का मानना है कि बृज की तर्ज पर गोवर्धन नाथ मंदिर में होली खेली जाती है।
हर भक्त भगवान ठाकुर जी के साथ होली खेलना चाहता है। बसंत पंचमी से धुलेड़ी तक 40 दिनों तक होली खेली जाती है। होली का त्योहार 8 मार्च को समाप्त होगा, इस दौरान भक्त 4 विशेष दर्शनों में भगवान के साथ होली खेलेंगे।
हर भक्त भगवान ठाकुर जी के साथ होली खेलना चाहता है। बसंत पंचमी से धुलेड़ी तक 40 दिनों तक होली खेली जाती है। होली का त्योहार 8 मार्च को समाप्त होगा, इस दौरान भक्त 4 विशेष दर्शनों में भगवान के साथ होली खेलेंगे।