Mukhyamantri Bal Seva Yojana Apply Online, see Chief Minister Bal Seva Yojana online application and benefits and eligibility list, UP Bal Seva Yojana Online Registration
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हमारे देश को प्रतिदिन नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। देश में कई ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता में से एक या दोनों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में भी लगभग 197 ऐसे बच्चों की पहचान की गई है जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और 1799 ऐसे बच्चों की पहचान की गई है जिनके माता-पिता में से एक की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे सभी बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से इन बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी ताकि वे अपना जीवन यापन कर सकें। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं।
Mukhyamantri Bal Seva Yojana 2022
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से उन सभी बच्चों की मदद की जाएगी जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई है। इस योजना की शुरुआत 30 मई 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है। इस योजना के माध्यम से न केवल बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी बल्कि उनकी शिक्षा से लेकर उनकी शादी तक का खर्च सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत बच्चे या उसके अभिभावक को बच्चों के पालन पोषण के लिए ₹4000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा इस योजना के माध्यम से लड़कियों की शादी के लिए भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यदि बालक की आयु 10 वर्ष से कम है और उसका कोई अभिभावक नहीं है तो उसे शासकीय बाल गृह में आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। लड़कियों को अलग आवासीय सुविधा भी प्रदान की जाएगी और उन सभी बच्चों को जो स्कूल और कॉलेजों में पढ़ रहे हैं, उन्हें भी इस योजना के तहत लैपटॉप/टैबलेट प्रदान किए जाएंगे।
योजना के अंतर्गत लांच किया जाएगा एमआईएस पोर्टल
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि देश में कोरोना वायरस के कारण अनाथ बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा और चिकित्सा की देखभाल के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत विभाग द्वारा जमीनी स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। सरकार ने इसी महीने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का एमआईएस पोर्टल शुरू करने का फैसला किया है। एमआईएस पोर्टल पर दो तरह की जानकारी उपलब्ध होगी। जिसमें निरीक्षक महिला एवं बाल एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के हितग्राहियों की जानकारी होगी।
उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत पंजीकृत बच्चों (कोविड-19) की संख्या 11049 तथा यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत पंजीकृत बच्चों की संख्या 5200 है। पंजीकृत बच्चों से संबंधित सभी जानकारी दो पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी। . जिसमें उनका पता, स्वास्थ्य कार्ड योजना के लाभ सहित अन्य जानकारी शामिल है।
योजना के संचालन के लिए आरंभ किया जाएगा एमआईएस पोर्टल
यूपी मिशन वात्सल्य के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार बाल देखभाल संस्थानों, किशोर न्याय बोर्डों और बाल कल्याण समितियों के लिए एक एमआईएस पोर्टल लॉन्च करेगी। यह पोर्टल जून 2022 में लॉन्च किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से योजना से संबंधित सभी भौतिक और वित्तीय जानकारी ऑनलाइन प्रदान की जाएगी। इसके अलावा योजना संचालन का प्रभावी पर्यवेक्षण एवं समीक्षा भी हो सकेगी। इस पोर्टल पर बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास से जुड़े डाटा को डिजिटाइज किया जाएगा। इसके अलावा एमआईएस पोर्टल के माध्यम से प्रभावी ढंग से बच्चों की देखभाल, सुरक्षा एवं पुनर्वास किया जाएगा।
- यह पोर्टल बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड के कार्यों की प्रभावी समीक्षा करने में भी कारगर सिद्ध होगा। महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आगामी 100 दिनों की कार्ययोजना तैयार की गई है। शाहजहांपुर में राजकीय संचार गृह का उद्घाटन होगा। इस ग्रह के निर्माण में सरकार द्वारा 7 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। जिसकी क्षमता 50 है।
- इस योजना के तहत 11049 बच्चे कोविड-19 योजना में लाभान्वित हो चुके हैं। सामान्य योजना से कुल 5284 बच्चे, कोविड-19 योजना से 480 अनाथ, माता-पिता के साथ 10509 बच्चे, सामान्य योजना से कुल 295 अनाथ, सामान्य योजना से एकल माता-पिता से 4989 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल योजना का लाभ दिया गया सेवा योजना चली गई।
6000 बच्चों को प्रदान किया गया Mukhyamantri Bal Seva Yojana का लाभ
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना उन बच्चों के लिए शुरू की गई थी जिन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अपने माता-पिता या उनमें से किसी एक को खो दिया था। इस योजना के माध्यम से न केवल बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है बल्कि उनकी शिक्षा से लेकर शादी तक का खर्च उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस योजना से अब तक 6000 बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। योजना का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। प्राप्त सभी आवेदनों का सत्यापन कर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा हितग्राहियों का चयन किया जाता है। विभाग द्वारा 2000 नए बच्चों का चयन भी किया गया है। जिन्हें इसी माह किस्त दी जाएगी।
कोविड-19 के कारण अनाथ हुई बालिकाओं के विवाह पर आर्थिक सहायता
कोविड-19 के कारण अनाथ हुई सभी बालिकाओं को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह वित्तीय सहायता आवेदन के 15 दिनों के भीतर आवश्यक दस्तावेजों की जांच के बाद ही प्रदान की जाएगी। इस संबंध में निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य सचिव ने दिए हैं। पहचान की गई सभी लड़कियां या उनके माता-पिता और अभिभावक सीधे यूनिट से संपर्क कर सकते हैं। इस कार्य के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सभी जिला अधिकारियों को पत्र और आवेदन का प्रारूप भी भेज दिया गया है। इस योजना के तहत लड़कियों को शादी के योग्य होने पर ₹101000 की राशि प्रदान की जाएगी।
Mukhyamantri Bal Seva Yojana 2022
योजना का नाम | मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना |
किसने आरंभ की | उत्तर प्रदेश सरकार |
लाभार्थी | कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ हुए उत्तर प्रदेश के बच्चे। |
उद्देश्य | कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना। |
आधिकारिक वेबसाइट | जल्द लॉन्च की जाएगी |
साल | 2022 |
आर्थिक सहायता | ₹4000 प्रतिमाह |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
कोविड-19 के कारण अनाथ हुई बालिकाओं द्वारा आवेदन
2 जून 2021 के बाद शादी करने वाली सभी लड़कियां इस योजना के तहत आवेदन कर सकती हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए शादी के 90 दिन के अंदर आवेदन करना अनिवार्य है। विवाह के समय वर की आयु 21 वर्ष तथा वधू की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। यह लाभ प्राप्त करने के लिए सभी पात्र बालिकाएं ऑफलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, विकास खंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय में जमा किया जा सकता है और शहरी क्षेत्र में यह आवेदन संबंधित क्षेत्र के लेखपाल, तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी के पास जमा किया जा सकता है। है।
Mukhyamantri Bal Seva Yojana का शुभारंभ
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई है। यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 22 जुलाई 2021 को शुरू की गई है। इस अवसर पर राज्य के चिन्हित 4,050 बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में 4,000 रुपये प्रति माह की दर से 12,000-12,000 रुपये का वितरण किया गया है। कोरोना के अलावा अब अन्य बीमारियों के कारण अनाथ हुए बच्चों को भी इस योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है।इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा 10 लाभार्थी बच्चों को स्वीकृति पत्र, स्कूल बैग, चाकलेट आदि प्रदान किये गये. इनमें से दो बच्चों को टैब भी उपलब्ध करा दिया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री की ओर से घोषणा की गई है कि कोरोना वायरस के कारण अपात्र हो चुकी महिलाओं के लिए भी नई योजना शुरू की जाएगी.
राजपाल द्वारा की गई योजना की सराहना
उत्तर प्रदेश सरकार सभी अनाथ बच्चों के पालन-पोषण से लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य तक का ध्यान रखेगी। इसके अलावा वे सभी बच्चे जिनका पालन-पोषण उनके रिश्तेदार नहीं कर सकते, उन्हें बाल गृहों में रखा जाएगा। अटल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से लड़कों को शिक्षा प्रदान की जाएगी और लड़कियों को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा इंस्पेक्टर बच्चों के लिए पीएमकेएस की गाइडलाइन भी जल्द आएगी। जिसका लाभ बच्चों को भी मिलेगा। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार द्वारा पूरे इंतजाम किए जाएंगे।
इसके अलावा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस योजना की सराहना की है. उनके द्वारा बताया गया है कि अनाथ बच्चों के लिए इस तरह की योजना शुरू करने वाला यूपी पहला राज्य है। आनंदीबेन पटेल ने अधिकारियों से एक अनाथ बच्चे को गोद लेने की अपील भी की है. राजपाल जी द्वारा अनाथ बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए व्यापक जनसभा करने का भी आवाहन किया गया है। आनंदीबेन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी आदेश दिया है कि अगर विश्वविद्यालय में अनाथ बच्चे हैं तो उनकी मदद की जाए.
शादी के लिए आर्थिक सहायता एवं बच्चों को टेबलेट का वितरण
इस योजना के तहत सरकार द्वारा आर्थिक सहायता से लेकर कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही है। ताकि अनाथ बच्चे अपना जीवन यापन कर सकें। इस योजना के तहत सभी पात्र कन्याओं के विवाह के लिए ₹101000 की राशि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले सभी बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप प्रदान किया जाएगा। ताकि उसकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए। अगर आप भी इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अपनी पात्रता सुनिश्चित कर जल्द से जल्द इस योजना के तहत आवेदन करना होगा। इस योजना का लाभ उन बच्चों को भी मिलेगा, जो कोरोना संक्रमण के कारण अपने कानूनी अभिभावक या कमाने वाले माता-पिता को खो चुके हैं।
https://help
कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए एक विशेष योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के नाम पर ये योजना संचालित होगी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ pic.twitter.com/yjMgwBU9dv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 29, 2021
पोस्ट कोविड के कारण हुई मृत्यु पर भी प्रदान किया जाएगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना उन बच्चों के लिए शुरू की गई है जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई है। इस योजना को अब कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन की नीति तैयार की जा रही है। इस योजना के तहत चिन्हित सभी बच्चों की सूची एवं पात्रता की शर्तें तैयार की गई हैं। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के माध्यम से सभी अनाथ बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि का पूरा ध्यान रखा जायेगा।
एंटीजन टेस्ट, आरटीपीसीआर की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट, सीटी स्कैन में कोविड-19 के संक्रमण को कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत का प्रमाण माना गया है. लेकिन यदि कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी पोस्ट कोविड से मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में भी उनके बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जायेगा.
यह जानकारी महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय ने दी। इस योजना के तहत जिला स्तरीय टास्क फोर्स के माध्यम से पात्र बच्चों के कानूनी अभिभावकों की पहचान की जाएगी। इन बच्चों के विकास की निगरानी जिला बाल संरक्षण इकाई और बाल कल्याण समिति द्वारा भी की जाएगी।
₹4000 की आर्थिक सहायता एवं आवासीय सुविधा
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना 2022 के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थियों को ₹4000 प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता बच्चे की देखभाल के लिए होगी। यह आर्थिक सहायता बच्चे के वयस्क होने तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा ऐसे सभी बच्चे जिनकी उम्र 10 वर्ष या उससे कम है और जिनके कोई अभिभावक नहीं हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के माध्यम से आवासीय सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्हें शासकीय बाल गृह में आवास उपलब्ध कराकर यह आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि उन सभी बच्चों का ध्यान रखा जा सके। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 5 सरकारी बाल गृह हैं जो मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा और रामपुर में स्थित हैं।
अवयस्क लड़कियों की देखभाल एवं उनकी शिक्षा
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के माध्यम से उन सभी नाबालिग लड़कियों को आवास एवं शिक्षा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी उठायी जायेगी. सभी पात्र बालिकाओं को भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, राजकीय बाल गृह एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित अटल आवासीय विद्यालय के माध्यम से शिक्षा एवं आवास उपलब्ध कराया जायेगा। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 13 बाल गृह एवं 17 अटल आवासीय विद्यालय संचालित हैं। यह योजना सभी नाबालिग लड़कियों की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है। अब देश की बालिकाएं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ प्राप्त कर अपनी आजीविका कमा सकेंगी।
Mukhyamantri Bal Seva Yojana का उद्देश्य
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य उन सभी बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है जो कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ हो गए हैं। इस योजना के माध्यम से उन सभी बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे अपना ध्यान रख सकें। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से बच्चों को दूसरों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार सभी बच्चों की पूरी जिम्मेदारी लेगी। राज्य सरकार द्वारा मासिक आर्थिक सहायता से लेकर आवासीय सहायता एवं विवाह हेतु आर्थिक सहायता भी प्रदान की जायेगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार इस योजना के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा भी उठाएगी।
UP Bal Seva Yojana 2022 के लाभ एवं विशेषताएं
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत 30 मई 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा की गई है।
इस योजना के माध्यम से उन सभी बच्चों की मदद की जाएगी जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई है।
इस योजना के तहत न केवल बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी बल्कि उनकी पढ़ाई से लेकर उनकी शादी तक का खर्च भी सरकार वहन करेगी।
सभी पात्र बच्चों के भरण-पोषण के लिए उन्हें ₹4000 प्रति माह की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
यह वित्तीय सहायता बच्चे के वयस्क होने तक प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा इस योजना के माध्यम से लड़कियों की शादी के लिए ₹101000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
यदि इस योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चे की आयु 10 वर्ष से कम है और उसका कोई अभिभावक नहीं है तो ऐसी स्थिति में भी बच्चे को आवासीय सुविधा प्रदान की जाएगी।
यह सुविधा राजकीय बाल गृह के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के माध्यम से पढ़ने वाले सभी बच्चों को लैपटॉप या टैबलेट भी प्रदान किया जाएगा।
इस योजना का लाभ उन बच्चों को भी मिलेगा, जो कोरोना संक्रमण के कारण अपने कानूनी अभिभावक या आय अर्जन अभिभावक को खो चुके हैं।
सभी अवयस्क लड़कियों को भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, राजकीय बाल गृह एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित अटल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा एवं आवास की सुविधा प्रदान की जायेगी।
आईटीआई प्रक्षिक्षुओ के लिए जारी की गई पात्रता की शर्तें
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का आरंभ किया गया था। इस योजना के अंतर्गत आईटीआई प्रशिक्षु को भी लाभ प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए 8 जून 2021 को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था के प्रधानाचार्य डॉ नरेश कुमार जी के द्वारा पात्रता की शर्त जारी कर दी गई। सभी पात्र लाभार्थियों को लैपटॉप, टेबलेट, विवाह के लिए आर्थिक सहायता एवं प्रतिमाह सहायता राशि प्रदान की जाएगी। वह सभी आईटीआई प्रशिक्षशू जो इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें अपने जिले के नोडल आईटीआई में आवेदन करना होगा। आईटीआई प्रशिक्षशू के लिए पात्रता की शर्तें कुछ इस प्रकार है।
- प्रशिक्षु की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए।
- आवेदक के माता पिता की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई होनी चाहिए।
- यदि आवेदक के माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु मार्च 2020 से पहले हुई हो और दूसरे की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई हो तो इस स्थिति में भी इस योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
- यदि आवेदनकर्ता के माता पिता की मृत्यु 1 मार्च 2020 से पहले हुई हो और लीगल अभिभावक की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई हो तो वह भी इस योजना का पात्र है।
- वह बच्चे भी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे जिनके माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई हो।
- इसके अलावा यदि माता-पिता दोनों जीवित है लेकिन आय अर्जित करने वाले अभिभावक की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हो गई है और जीवित माता-पिता की वार्षिक आय ₹200000 या फिर उससे कम हो तो इस स्थिति में भी इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की पात्रता
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- वह बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने दोनों माता-पिता को खो दिया हो।
- अपने लीगल गार्डियन को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण खोने वाले बच्चे इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं।
- वह बच्चे जिन्होंने अपने आय अर्जित करने वाले अभिभावक को कोविड-19 के कारण खो दिया हो।
- वह बच्चे जिनके माता-पिता में से कोई एक ही जीवित था और उनकी मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हो गई हो।
- बच्चे की आयु 18 वर्ष या फिर 18 वर्ष से कम होनी चाहिए।
- एक परिवार के सभी बच्चे (जैविक एवं कानूनी रूप से गोद लिए गए) इस योजना का लाभ प्राप्त कर पाएंगे।
- वर्तमान में जीवित माता या पिता की आए ₹200000 या फिर ₹200000 से कम होनी चाहिए।
UP Mukhyamantri Bal Seva Yojana 2022 के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
- उत्तर प्रदेश के निवासी होने का घोषणा पत्र
- बच्चे का आयु प्रमाण पत्र
- 2019 से मृत्यु का साक्ष्य
- बच्चे एवं अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित पूर्व आवेदन
- माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र (यदि माता-पिता दोनों की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में आय प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी नहीं है।)
- शिक्षण संस्थान में रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र
- आवेदन पत्र
- माता-पिता या वेज संरक्षक का मृत्यु प्रमाण पत्र
- कोविड-19 से मृत्यु होने का प्रमाण
- बल एवं अधिक आयु प्रमाण पत्र
- 2015 की धारा 94 में उल्लेखित प्रमाण पत्रों के अतिरिक्त परिवार रजिस्टर की नकल
- आयु का प्रमाण
- विवाह की तिथि नियत होने या विवाह संपन्न होने से संबंधित अभिलेख
- विवाह का कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र(इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए परिवार की सालाना आय ₹300000 या फिर उससे कम होनी चाहिए)
- बालिका एवं उसके अभिभावक की फोटो
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के दिशा निर्देश
- हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को कोरोनावायरस के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से आरंभ किया गया था।
- इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा केंद्रीय विद्यालय में बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा बच्चों की 18 वर्ष की आयु होने तक 2.5 हजार रुपए की मासिक आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
- यह राशि प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बच्चों का बचत खाता खुलवाने का निर्णय लिया गया है।
- इसके अलावा बाल सेवा संस्थान में रहने वाले बच्चों के रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट खोले जाएंगे।
- जिसमें 18 वर्ष की आयु होने तक 1500 रुपए जमा किए जाएंगे।
- इसके अलावा इन बच्चों से अन्य खर्चों के लिए सरकार द्वारा ₹12000 की वार्षिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
- बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी बाल विद्यालय में निशुल्क स्कूली शिक्षा भी प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा बालिकाओं के खाते में ₹51000 की राशि जमा की जाएगी तथा विवाह के समय ब्याज सहित शगुन भी प्रदान किया जाएगा।
- इस योजना के सभी लाभार्थी बच्चों का आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।
- 18 वर्ष की आयु होने तक बीमा के प्रीमियम की राशि का भुगतान सरकार द्वारा पीएम केयर्स के माध्यम से किया जाएगा।
- इसके अलावा 18 वर्ष की आयु से अगले 5 वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान मासिक वित्तीय सहायता तथा 23 वर्ष की आयु पूरी होने पर बच्चों को व्यक्ति और व्यवसायिक उपयोग के लिए पीएम केयर्स की ओर से 10 लाख रुपए कोष से एकमुश्त राशि भी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया
अगर आप यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा।
- यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं तो आपको ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी या विकासखंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय जाना होगा और यदि आप शहरी क्षेत्र में रहते हैं तो आपको लेखपाल, तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय जाना होगा।
- इस योजना का आवेदन पत्र आपको कार्यालय से प्राप्त करना होगा।
अब आपको आवेदन पत्र में पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि दर्ज करनी होगी। - इसके बाद आपको सभी जरूरी दस्तावेज अटैच करने होंगे।
- अब आपको यह आवेदन पत्र कार्यालय में जमा करना होगा।
- इस तरह आप यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत आवेदन कर सकेंगे।
- जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल कल्याण समिति द्वारा पात्र बच्चों की पहचान कर 15 दिन के अंदर आवेदन प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.
- इस योजना के तहत माता-पिता की मृत्यु के 2 साल के भीतर आवेदन किया जा सकता है।
- इस योजना का लाभ स्वीकृति प्राप्त होने की तिथि से प्रदान किया जायेगा।